नीट-पीजी की राज्य स्तरीय काउंसिलिंग में अभ्यर्थियों को फ्री एग्जिट की सुविधा इस बार नहीं मिलेगी। यह स्थिति काउंसिलिंग में देरी के कारण बनी है। एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय ने इसे लेकर नोटिस जारी किया है। अभ्यर्थियों को यह सलाह दी है कि वह संस्थान की उपलब्ध सीटों व संस्थानवार शुल्क विवरण देखकर ही अपना विकल्प भरें।
दरअसल, नीट-पीजी की काउंसलिंग में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को धरोहर राशि जमा करनी होती है। काउंसिलिंग में पंजीकरण कराते वक्त यह राशि जमा कराई जाती है। प्रथम चरण की काउंसिलिंग में अभ्यर्थियों को फ्री एग्जिट की सुविधा दी जाती है।
यानी सीट आवंटित होने के बाद दाखिला लेकर या दाखिले से पहले सीट छोड़ने पर धरोहर राशि लौटाने का नियम है, लेकिन राज्य में शुल्क निर्धारण को लेकर हुई देरी के कारण प्रथम चरण आयोजित ही नहीं किया जा सका। ऐसे में काउंसिलिंग बोर्ड ने अब सिर्फ मुख्य चरण व मापअप राउंड आयोजित करने का निर्णय लिया है।
विवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. विजय जुयाल ने बताया कि एनएमसी/एमसीसी के निर्देशानुसार द्वितीय चरण की काउंसिलिंग के बाद अभ्यर्थी अपनी सीट को नहीं छोड़ सकता है। अभ्यर्थियों को सलाह है कि वह अपना विकल्प सोच-समझकर भरें। यदि उन्हें सीट आवंटित होती है और वह प्रवेश नहीं लेते हैं तो उनकी धरोहर राशि जब्त कर ली जाएगी। उनका कहना है कि अभ्यर्थी नियमित रूप से विवि की वेबसाइट देखते रहें।