प्रदेश में एक अप्रैल से 20 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का झटका लग सकता है। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने जनसुनवाई पूरी कर ली है। इसके बाद विद्युत सलाहकार समिति की बैठक भी हो चुकी है। 31 मार्च को नया टैरिफ जारी कर दिया जाएगा जो कि एक अप्रैल से लागू होगा।
नियामक आयोग को यूपीसीएल, पिटकुल और यूजेवीएनएल ने कुल मिलाकर 10.5 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा था। इसमें यूपीसीएल का 4.5 प्रतिशत का प्रस्ताव है, जो सीधे तौर पर आम जनता को प्रभावित करने वाला है। वहीं, यूजेवीएनएल ने विद्युत विक्रय दरों में बढ़ोतरी और पिटकुल ने ट्रांसमिशन की दरों में बढ़ोतरी की मांग नियामक आयोग से की है।
इस प्रस्ताव पर नियामक आयोग ने 26 फरवरी से आठ मार्च तक रानीखेत, रुद्रपुर, देहरादून, कोटद्वार में जन सुनवाई की। लंबे समय से घरेलू बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं हुई है। हर बार यूपीसीएल की ओर से प्रस्ताव भेजा जाता है लेकिन आयोग बढ़ोतरी नहीं करता। इस बार यूपीसीएल के घाटे को देखते हुए घरेलू दरों में बढ़ोतरी का दबाव है। माना जा रहा है कि घरेलू दरों में भी कुछ बढ़ोतरी हो सकती है।
यूपीसीएल ने दिया है घाटे से उबरने का प्लान
लगातार घाटे से जूझ रहे यूपीसीएल ने इस बार तीन साल का प्लान नियामक आयोग के सामने रखा है। इसमें बताया गया है कि अगर उनके हिसाब से दरों में बढ़ोतरी व अन्य निर्णय हुए तो निश्चित तौर पर आने वाले तीन साल में यूपीसीएल को घाटे से बाहर निकाला जा सकेगा। अब इस पर आयोग को निर्णय लेना है।
जनसुनवाई पूूरी होने के बाद विद्युत सलाहकार समिति की बैठक हो चुकी है। अब नए टैरिफ को लेकर सभी पहलुओं पर मंथन का काम चल रहा है। हमारी कोशिश है कि उपभोक्ताओं पर कम से कम बोझ पड़े। -एमके जैन, सदस्य तकनीकी, विद्युत नियामक आयोग