चुनाव में भितरघात को लेकर आवाज उठाने वाले भाजपा विधायकों में एक और विधायक केदार सिंह रावत का नाम शामिल हो गया है। पार्टी ने रावत को यमुनोत्री विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। रावत का कहना है कि चुनाव के दौरान उन्हें भी भितरघात का सामना करना पड़ा। पार्टी के ही कुछ लोगों ने उनके खिलाफ काम किया।
बकौल रावत, वह चुनाव तो जीत जाएंगे, लेकिन जीत का अंतर कम हो जाएगा। रावत से पहले तीन विधायकों का बाहर आ चुका है दर्द यमुनोत्री के भाजपा विधायक केदार सिंह रावत से पहले चुनाव में भितरघात को लेकर भाजपा के तीन विधायकों का दर्द बाहर आ चुका है।
लक्सर के विधायक संजय गुप्ता ने तो प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर ही सवाल उठा दिए हैं। जबकि काशीपुर के विधायक हरभजन सिंह चीमा ने पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं पर उनके बेटे पार्टी प्रत्याशी त्रिलोक सिंह चीमा के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया है।
चंपावत के विधायक कैलाश चंद्र गहतोड़ी भी पार्टी के ही लोगों पर भितरघात का आरोप लगा चुके हैं। पार्टी पूछेगी तो नाम बताने को भी तैयार हूं प्रदेश पार्टी कार्यालय पहुंचे भाजपा विधायक केदार सिंह रावत ने कहा कि उनके चुनाव में पार्टी के कुछ लोगों ने उनके खिलाफ काम किया। चुनाव में जनता का भारी उत्साह था। हमारी विधानसभा में अच्छी संख्या में मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया। महिलाओं और बुजुर्गों का मोदी जी के प्रति रुझान रहा। मेरी विधानसभा में संगठन में पदों पर बैठे कुछ लोगों ने भितरघात किया है। वरना अंतर ज्यादा बढ़ सकता था। फिर भी थोड़े-बहुत अंतर सीट भाजपा निकालेगी।
उन्होंने कहा कि यदि पार्टी उनसे पूछेगी तो वह भितरघात करने वालों के नाम बताने को तैयार है। पार्टी की हिदायत का असर नहीं प्रदेश संगठन की ओर से सभी प्रत्याशियों को ताकीद किया गया है कि चुनाव में भितरघात से जुड़ी किसी भी शिकायत को सिर्फ पार्टी फोरम पर ही रखा जाए, लेकिन पार्टी की इस हिदायत का असर दिखाई नहीं दे रहा है।