पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के 5 दिन बाद आखिरकार ममता बनर्जी को उनपर कार्रवाई करनी पड़ी। पार्थ की सहयोगी अर्पिता के घर से मिला रुपयों का ढेर और सोने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तैर रही हैं। इससे टीएमसी की छवि को भी बड़ा धक्का लगा है। ईडी ने आज अर्पिता के चौथे ठिकाने पर छापेमारी की। एक दिन पहले ही टीएमसी ने कहा था कि आरोपों की वजह से पार्थ को पद से हटाने की क्या जरूरत है? हालांकि एक ही दिन में स्थितियां बदल गईं और पार्थ को न सिर्फ मंत्रिपद से हटाया गया बल्कि पार्टी से भी निलंबित कर दिया है। जानकारों का कहना है कि एक दिन पहले ही मिथुन चक्रवर्ती के दावे से भी पार्टी नेतृत्व में टूट का डर समा गया। इसके अलावा पार्टी के कुछ विधायकों ने पार्थ को निकालने की वकालत भी की तो नेतृत्व ने कार्रवाई करना ही ठीक समझा।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जब पार्थ को लेकर चुप्पी तोड़ी थी तो खुद को लेकर भी काफी सफाई दी थी। उन्होंने कहा था कि हमेशा राजनीति ईमानदारी से की है। यहां तक कि वह सैलरी भी नहीं लेती हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर पार्थ चटर्जी के वाकये से उन्हें बहुत चोट पहुंची है। मंत्री की छवि से खुद को दूर रखने और पार्टी की छवि बचाने के लिए ममता बनर्जी को पार्थ चटर्जी पर ऐक्शन लेना पड़ा।