उत्तर प्रदेश में भाजपा की नई सरकार में मुख्यमंत्री के साथ 40 से अधिक मंत्री शपथ लेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित केंद्र सरकार के मंत्रियों और भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों की मौजूदगी में 21 या 22 मार्च को शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है। भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए मंत्रिमंडल में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन के लिए करीब दो दर्जन से अधिक मौजूदा मंत्रियों के साथ नए चेहरों को भी शामिल करने की रणनीति बनाई है।
सरकार के स्वरूप को लेकर दो दिन तक दिल्ली में पीएम मोदी, शाह, नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, महामंत्री संगठन बीएल संतोष, यूपी चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और सह प्रभारी अनुराग ठाकुर से मुलाकात करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ लौट आए हैं। सूत्रों के अनुसार योगी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल आगामी दिनों में फिर दिल्ली जाएंगे। शाह, नड्डा, बीएल संतोष और धर्मेंद्र प्रधान के साथ बैठक में मंत्रियों के नामों पर मुहर लगेगी।
खन्ना, शाही, महाना, श्रीकांत, टंडन फिर बन सकते हैं मंत्री
योगी के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, चिकित्सा मंत्री जय प्रताप सिंह, औद्योगिक विकास मंत्रर सतीश महाना, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, एमएसएमई सिद्धार्थनाथ सिंह, जितिन प्रसाद, नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अनिल राजभर, जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह, पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र चौधरी को फिर जगह मिल सकती है। राज्यमंत्री रहे संदीप सिंह, बदलेव सिंह औलख, मोहसिन रजा और गुलाब देवी को भी फिर मौका मिल सकता है।
और ये हो सकते हैं नए चेहरे
पूर्व एडीजी और कन्नौज सदर से विधायक असीम अरुण, उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल और आगरा ग्रामीण की विधायक बेबीरानी मौर्य, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं एमएलसी अरविंद कुमार शर्मा, ईडी के पूर्व संयुक्त निदेशक एवं सरोजनी नगर से विधायक राजेश्वर सिंह को भी मंत्री बनाया जा सकता है। साहिबाबाद से सर्वाधिक मतों से जीते सुनील शर्मा, नोएडा से 1.80 लाख से अधिक मतों से जीते पंकज सिंह को भी मंत्री बनाया जा सकता है।
केशव-दिनेश पर फैसला शीर्ष नेतृत्व करेगा
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा को बनाए रखने का निर्णय पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तय करेगा। मौर्य समाज को साधे रखने के लिए केशव को कैबिनेट मंत्री या उप मुख्यमंत्री बनाए रखने की प्रबल संभावना जताई जा रही है। वहीं, दिनेश शर्मा संगठन में रहेंगे या सरकार में, इसका निर्णय भी दिल्ली से होगा।