शीतकाल के लिए बद्रीनाथ के कपाट शनिवार को बंद किए गए। इसी के साथ चार धाम यात्रा का भी समापन हो गया है। बद्रीनाथ के कपाट बंद करने के दौरान हुए रंगारंग समारोह में शिरकत के लिए पांच हजार से अधिक श्रद्धालु यहां जुटे। भगवान विष्णु को समर्पित मंदिर के कपाट अपराह्न तीन बजकर 35 मिनट पर ‘जय बद्री विशाल’ के जयकारों और गढ़वाल स्काउट्स द्वारा बजाई गई भक्ति धुनों के बीच बंद कर दिए गए।
मंदिर के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदिरी ने परंपरा के अनुसार एक महिला की तरह वस्त्र धारण किए और गर्भगृह के अंदर देवी लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करने के बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए। बद्रीनाथ के बंद होने के साथ ही इस साल की चार धाम यात्रा समाप्त हो गई।
इस साल 61 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने यात्रा की और पिछले सभी रिकॉर्ड टूट गए। इस वर्ष कुल 17,65,649 तीर्थयात्री बद्रीनाथ पहुंचे और यह भी एक रिकॉर्ड है। चार धाम यात्रा में शामिल केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री मंदिरों को पिछले महीने बंद कर दिया गया था। दो साल के अंतराल के बाद इस साल चार धाम यात्रा बिना कोविड प्रोटोकॉल के हुई।