अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस: खुद अंधकार में रहकर महिलाओं के जीवन में भर रहीं उजाला भावना शर्मा

नेत्र दिव्यांग भावना शर्मा नशा उन्मूलन के लिए अल्मोड़ा, चमोली, भिकियासैंण, देवाल, बागेश्वर में आंदोलनों में भागीदारी कर चुकी हैं। उन्होंने 21 निर्धन बच्चों को गोद लिया है।
भावना शर्मा
समाजसेवा और महिला उत्थान का ऐसा जज्बा कि खुद का जीवन अंधेरे में होने के बावजूद महिलाओं के जीवन में उजाला भरने का संकल्प लेकर पिछले 20 वर्षों से महिला उत्थान और समाजसेवा में जुटी हैं बच्चीनगर (कमलुवागांजा) निवासी भावना शर्मा।

समाजसेवा उनकी दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। उनके जज्बे को संबल देने का काम उनके बच्चे कर रहे हैं जो मां के समाजसेवा के कार्यों में साये की तरह उनके साथ खड़े रहते हैं। मूलरूप से रानीखेत निवासी भावना शर्मा में बचपन से ही समाजसेवा और महिला उत्थान का जज्बा रहा है।

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