Uttarakhand Election 2022: मुश्किल भरा सितारगंज का सितारा बनने का सफर
सितारगंज सीट पर इस बार जीत हासिल करना नाकों चने चबाने से कम नहीं है।
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सितारगंज का सितारा बनकर चमकने की राह मुश्किल भरी है। इस सीट पर सर्वाधिक वोटरों वाले बंगाली और मुस्लिम समुदाय के हाथ में प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला है। भाजपा के विधायक सौरभ बहुगुणा और कांग्रेस के नवतेज पाल सिंह के बीच सीधे मुकाबले को बसपा के पूर्व विधायक नारायण पाल और आप के प्रत्याशी अजय जायसवाल ने दिलचस्प बना दिया है।
इस सीट पर इस बार जीत हासिल करना नाकों चने चबाने से कम नहीं है। साल 2002 से लेकर 2012 तक दो बार के विधानसभा चुनाव में यह सीट बसपा के खाते में रही। पूर्व विधायक नारायण पाल विधायक रहे। 2012 में भाजपा ने बंगाली कार्ड खेलकर सीट अपने नाम कर ली। करीब चार महीने तक भाजपा के किरन चंद्र मंडल विधायक रहे।
उसके बाद किरन ने क्षेत्र के विकास की शर्त पर विधायकी से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा उपचुनाव लड़े। भाजपा ने भी बहुगुणा के विजय रथ को रोकने के लिए पूर्व वित्त मंत्री प्रकाश पंत को उनके सामने मैदान में उतारा था लेकिन सीएम बहुगुणा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।