केदारनाथ धाम की तर्ज पर अब बदरीनाथ धाम में भी प्राकृतिक गुफाओं को ध्यान गुफा का स्वरूप प्रदान किया जा रहा है। इन गुफाओं के द्वार पर पत्थर की दीवार खड़ी कर दरवाजे लगाए गए हैं।
बदरीनाथ नगर पंचायत द्वारा तैयार किए गए इन ध्यान केंद्रों में आगामी यात्रा सीजन के दौरान श्रद्धालु ध्यान साधना कर सकेंगे। ध्यान केंद्रों के लिए शुल्क धाम के कपाट खुलने से पूर्व तय कर लिया जाएगा। बदरीनाथ धाम में मंदिर से लगभग 500 मीटर दूर ऋषि गंगा के किनारे नारायण पर्वत पर विशाल चट्टानों के नीचे प्राकृतिक गुफाएं मौजूद हैं। इनमें से दो गुफाओं को बदरीनाथ नगर पंचायत ने ध्यान केंद्र के रूप में विकसित किया है। इनसे शौचालय भी जुड़े हुए हैं। इसके अलावा दो अन्य गुफाओं को भी ध्यान केंद्र बनाया गया है।
केदारनाथ की पहाड़ी पर भी इसी तरह की तीन ध्यान गुफाएं बनी हैं। इनमें से सबसे पहले बनी गुफा में 18 मई 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ध्यान लगाया था। इसके बाद से यह गुफा ध्यान लगाने वालों की पसंदीदा बन गई।गढ़वाल मंडल विकास निगम के रीजनल मैनेजर आरएस खत्री ने बताया कि मंदिर के ठीक सामने 800 मीटर की दूरी पर दुग्ध गंगा के निकट वाली पहाड़ी पर बनी इस गुफा में अब 312 साधक ध्यान लगा चुके हैं। गुफा का एक दिन का किराया तीन हजार रुपये निर्धारित है। धीरे-धीरे अन्य दो गुफाओं के प्रति भी श्रद्धालुओं का आकर्षण बढ़ रहा है।