आरआईएमसी के सौ साल बेमिसाल : धूमधाम से मनाया शताब्दी वर्ष, सौ वर्ष पुराने मिलिट्री कॉलेज में पहली बार पढ़ेंगी बेटियां

समारोह में बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल ने कहा कि आरआईएमसी लगातार सौ साल से देश सेवा में योगदान दे रहा है। संस्थान में छात्रों का व्यक्तित्व विकास राष्ट्र निर्माण के लिहाज से उल्लेखनीय है।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया

राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (आरआइएमसी) ने अपनी स्थापना के सौ साल पूरे कर लिए हैं। इस मुकाम को खास बनाने के लिए संस्थान की ओर से तीन दिवसीय शताब्दी समारोह आयोजित किया जा रहा है। रविवार को राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने शताब्दी वर्ष का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने आरआईएमसी के सौ साल पूरे होने पर डाक टिकट का प्रथम आवरण भी जारी किया। साथ ही आरआइएमसी के अनुभवों पर आधारित पुस्तक बाल-विवेक और पूर्व कैडेटों की लिखी पुस्तक वैलर एंड विजडम का भी विमोचन किया। अहम बात यह है कि सौ वर्ष पुराने मिलिट्री कॉलेज में पहली बार बेटियां भी पढ़ेंगी।

कैडेटों से उन्होंने तकनीकी कुशलता, रचनात्मक सोच अपनाने का आह्वान किया। गढ़ी कैंट स्थित आरआइएमसी के पटियाला ग्राउंड में आयोजित स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल ने कहा कि आरआईएमसी लगातार सौ साल से देश सेवा में योगदान दे रहा है। संस्थान में छात्रों का व्यक्तित्व विकास राष्ट्र निर्माण के लिहाज से उल्लेखनीय है। दूसरे विश्व युद्ध से लेकर बालाकोट एयर स्ट्राइक तक इनकी सैन्य क्षमता व नेतृत्व क्षमता को भुलाया नहीं जा सकता। आरआइएमसी के कैडेट, अधिकारी और टीम के साझे आत्मविश्वास, क्षमता और समर्पित भाव ने संस्थान को देश में सर्वोच्च शिक्षण संस्थान के रूप में प्रतिष्ठा दिलाई है।

आरआइएमसी अपने मूल मंत्र बल-विवेक पर अडिग है। कोविड 19 के चुनौतीपूर्ण समय में भी संस्थान निरंतर कार्यरत रहा। ऐसी विपरीत परिस्थिति में कैडेटों ने समय पर अपने कोर्स और प्रशिक्षण पूरा किया, जिसका श्रेय संस्थान के कुशल प्रबंधन और स्टाफ को जाता है। संस्थान के मेधावी और पूर्व छात्र अब इस संस्थान के सबसे बड़े ब्रांड एंबेसडर और प्रेरणास्रोत हैं। आरआरआईएमसी केछात्रों को अटूट निष्ठा, दृढ़ निश्चय और महान प्रतिबद्धता का प्रतीक माना जाता है। तकनीक जिस तेजी से बदल रही है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑटोमेशन और डिजिटलाइजेशन हमारे आने वाले कल में विकास और तरक्की का रास्ता तय करेंगे। इसके लिए युवाओं को हमेशा तैयार रहना होगा।

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