उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के सचिवालय स्थित सभागार में राज्य स्तरीय मार्गदर्शक समिति की बैठक में राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना की समीक्षा बैठक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। सचिव सहकारिता, पशुपालन, दुग्ध एवं मत्स्य डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम द्वारा समीक्षा बैठक में राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना का विवरण एवं उपलब्धियों का प्रस्तुतिकरण मुख्यमंत्री सहकारिता मंत्री एवं पशुपालन मंत्री के समक्ष दिखाया गया।
सचिव डॉक्टर पुरुषोत्तम ने बताया कि उत्तराखंड में प्रदेश की सहकारिताओं के सर्वांगीण विकास, ग्रामीण क्षेत्रों से हो रहे पलायन, ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार सृजन एवं किसानों के जीवन स्तर में सुधार जैसे महत्वपूर्ण उद्देश्यों को राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना की परिकल्पना की गई, परियोजना के चार क्षेत्रक सहकारिता, मत्स्य, पशुपालन एवं दुग्ध इस दिशा में निरंतर काम कर रहे हैं। वर्तमान में परियोजना के सहकारिता क्षेत्र में सहकारी समितियों के माध्यम से क्रियान्वित संयुक्त सहकारी खेती के अन्तर्गत फसलों का उत्पादन कर उनकी मूल्य श्रृंखलाएं विकसित की जा रही हैं। कलस्टर आधारित उत्पादन कर ‘‘बिक्री केन्द्रों” की स्थापना की गई है। किसानों को उनकी उपज एवं उत्पादों का उचित मूल्य प्रदान किया जा रहा है। परियोजना के माध्यम से 57.76 MT अदरक और 80.09 MT ताजी सब्जियां सफलतापूर्वक INR 47.54 लाख में बेची जा चुकी है।
मत्स्य क्षेत्र में भी ट्राउट मछली का उत्पादन 0.3 MT/रेसवेज़ से बढ़कर 0.7 MT/रेसवेज़ हुआ है। मत्स्य उत्पादन में लगातार वृद्धि हुई, जो कि 70 MT तक पहुंच गया है। मुख्यमंत्री ने परियोजना में चल रहे कार्यों एवं उपलब्धियों की सराहना की एवं सम्बंधित अधिकारियों को महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को एक आत्मनिर्भर प्रदेश बनाना है। हमारा यह प्रयास होना चाहिए कि जितनी भी फल सब्ज़ियों एवं अन्य उत्पाद जिनकी भी खपत राज्य में है, वह उत्तराखंड के किसानों द्वारा उगाया जाए, जिससे कि उत्तराखंड राज्य के किसानों की आय दोगुनी हो सके। किसान आत्मनिर्भर हो, आत्मनिर्भर किसान से ही उत्तराखंड एक आत्मनिर्भर राज्य बनेगा, आजीविका संवर्द्धन के लिए किसानों को जितने भी ऋण की आवश्यकता है, उन्हें वह दिया जाना चाहिए।
सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि हर 6 महीने में राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना की समीक्षा बैठक ली जाए, जिससे कि परियोजना में किए जा रहे कार्यों का अवलोकन हो सके। पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि सभी विभागों को आपसी सामंजस्य एवं तालमेल से काम करने की ज़रूरत है, जिससे की परियोजना की योजनाओं को धरातल पर उतारा जा सके एवं उत्तराखंड राज्य को एक स्वर्णिम भविष्य की ओर ले जाया जा सके।