उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए सोनिया गांधी ने की बात, शरद पवार ने किया इंतजार

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष की साझा उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को चुनने पर ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने नाराजगी जताई है और वोटिंग से दूर रहने का ऐलान किया है। टीएमसी का कहना है कि उम्मीदवार को चुनने से पहले उनकी राय नहीं ली गई। इस बीच विपक्षी नेताओं ने उनके दावे को गलत ठहराते हुए कहा कि मार्गरेट अल्वा का नाम तय करने से तीन दिन पहले ही उनसे बात की गई थी। इन नेताओं का कहना है कि खुद सोनिया गांधी ने ममता बनर्जी से इस पर बात की थी। फोन पर ममता बनर्जी ने कहा था कि विपक्ष की ओर से जिसे भी चुना जाएगा, वह उस पर सहमत होंगी।

एक वरिष्ठ विपक्षी नेता ने कहा, ‘सोनिया गांधी ने 15 जुलाई को दोपहर ढाई बजे ममता बनर्जी को फोन किया था। इस दौरान उन्होंने उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर बात की थी। तब उन्होंने कहा था कि मेरे दिमाग में उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर किसी का नाम नहीं है। ऐसे में संयुक्त विपक्ष जिसके नाम पर भी फैसला लेता है, वह उस पर सहमत होंगी।’ एनडीए की ओर से 16 जुलाई को जगदीप धनखड़ के नाम का ऐलान किया गया था। उसी दिन रात को 8:30 बजे सोनिया गांधी ने ममता बनर्जी को मेसेज भेजा था, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब ही नहीं मिला।

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