उत्तराखंड में भले ही मौसम शुष्क बना हुआ है। लेकिन सुबह शाम पड़ रहा कोहरा और पाला तापमान गिरा रहा है। मैदानों में सुबह कोहरा तो पहाड़ों में पाला पड़ने से कड़ाके की ठंड महसूस की जा रही है। हालांकि दिन में चटख धूप खिलने से ठंड से कुछ राहत मिल रही है।राज्य मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में फिलहाल मौसम शुष्क ही बना रहेगा। क्रिसमस के बाद मौसम बदलाव आ सकता है। मौसम में आए इस बदलाव से नए साल से पहले बारिश और बर्फबारी हो सकती है।देहरादून सर्द मौसम में बेसहारा जन को आसरा देने के लिए बनाए गए रैन बसेरे खाली पड़े हैं और बेसहारा जन सड़क पर खुले में सो रहे हैं। सोमवार शाम महापौर सुनील उनियाल गामा शहर में नगर निगम के चार रैन बसेरों की स्थिति जानने निकले तो पाया कि बेहद कम संख्या में लोग रैन बसेरों में शरण ले रहे हैं। अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोई भी व्यक्ति फुटपाथ या सड़क पर न सोए। ऐसे सभी व्यक्तियों को रैन बसेरों में रखा जाए। उन्होंने नगर निगम की ओर से चौराहों-तिराहों पर जलाए जा रहे अलाव की स्थिति भी देखी।
हर साल रैन बसेरे दिसंबर में खोले जाते हैं, लेकिन इस मर्तबा मौसम ने नवंबर में ही कड़ाके की ठंड का एहसास कराया तो 25 नवंबर से ही नगर निगम ने रैन बसेरे खोल दिए। सड़कों पर बेसहारा सोने वालों की सुध लेते हुए महापौर ने निगम के घंटाघर, लालपुल, रायपुर व आइएसबीटी ट्रांसपोर्ट नगर स्थित रैन बसेरों में सुविधा के पूरे इंतजाम करने के निर्देश दिए थे। निरीक्षण के बाद महापौर ने नगर निगम के अधिकारियों को शहर में अलाव की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जहां भी आमजन की आवाजाही ज्यादा रहती है, उन सभी स्थानों पर अलाव जलाए जाएंगे। इसके अलावा रेलवे स्टेशन व घंटाघर जैसे बड़े स्थलों पर अलाव के लिए लकड़ी भी बढ़ाने के निर्देश दिए गए, ताकि अलाव पूरी रात जल सके।