![खतरे में पर्यटकों की जान: मानकों का उल्लघंन कर क्षमता से अधिक पर्यटकों बैठाया जा रहा राफ्ट पर, लाइफ जैकेट में नहीं 'लाइफ' रिवर राफ्टिंग के दौरान हो रहा नियमों का उल्लंघन](https://spiderimg.amarujala.com/cdn-cgi/image/width=414,height=233,fit=cover,f=auto/assets/images/2022/03/13/750x506/ull_1647182580.jpeg)
योगनगरी में मुंबई, कोलकाता, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान समेत विभिन्न प्रांतों के पर्यटक यहां राफ्टिंग के लिए पहुंचते हैं। सुबह से लेकर शाम तक कौड़ियाला, मरीन ड्राइव, शिवपुरी, ब्रह्मपुरी और क्लब हाउस राफ्टिंग प्वांइट सैलानियों से पैक रहता है। राफ्ट में आठ पर्यटकों के अलावा एक गाइड और एक हेल्पर बैठता है। साथ ही एक राफ्ट के साथ सुरक्षा के तहत एक क्याक भी चलती है, लेकिन राफ्ट व्यवसायी अधिक मुनाफा कमाने की फेर में 11 से 12 पर्यटकों को राफ्ट पर बैठा लेते हैं। कई राफ्ट में क्याक भी नहीं भेज जाती है। पर्यटकों को खानापूर्ति के लिए लाइफ जैकेट और हेलमेट पहना दिया जाता है, जिनमें कई लाइफ जैकेट पुरानी हैं। यही कारण है कि गंगा की उफनती लहरों में राफ्ट पलटने से अचानक पर्यटकों की लाइफ जैकेट खुल जाती है।
– एक राफ्ट में केवल आठ पर्यटकों को राफ्टिंग की अनुमति।
– एक राफ्ट में पर्यटकों के साथ एक गाइड और एक हेल्पर अनिवार्य।
– गाइड, हेल्पर और सभी पर्यटकों को सुरक्षा उपकरण हेलमेट और लाइफ जैकेट पहनना अनिवार्य।
– नदी में उतरने से पहले सभी पर्यटकों का लाइफ जैकेट को मजबूती से बांधना और फिर उसकी जांच करना अनिवार्य।
– एक राफ्ट के साथ सुरक्षा के तहत एक क्यार्क्स का होना अनिवार्य।
सूर्योदय और सूर्यास्त के बाद नहीं कर सकते राफ्टिंग
नियमानुसार सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त से पहले ही राफ्टिंग की जा सकती है। सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के गंगा में राफ्ट उतारना मना होता है, लेकिन ज्यादा फेर लगाने के चक्कर में राफ्टिंग व्यवसायी दिन छिपने के बाद राफ्ट को रवाना कर देते हैं। ऐसे में अगर राफ्ट पलटने से कोई पर्यटक बहता है तो एसडीआरएफ को भी रेस्क्यू अभियान में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
विभागीय स्तर पर इसकी जांच की जा रही है। राफ्टिंग व्यवसायियों को इस ओर सख्त दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। दोषी पाए जाने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। -अतुल भंडारी, जिला पर्यटन अधिकारी टिहरी।