चार धाम में यात्रियों की धूम से तीर्थाटन प्रदेश बनने की तरफ बढ़े कदम

उत्तराखंड राज्य बनने के 22 साल में इतने अधिक तीर्थयात्री कभी भी दर्शन करने नहीं आए थे, जितने इस बार सात महीने में आए। उत्तराखंड के चार धामों के कपाट खोलने की शुरुआत इस साल तीन मई से हुई जब गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट एक साथ पूर्ण वैदिक विधि विधान के साथ खोले गए। उसके बाद छह मई को केदारनाथ के कपाट खोले गए और आठ मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुले।

उत्तराखंड सरकार और चार धाम के पंडे पुजारियों और स्थानीय लोगों को भी उम्मीद नहीं थी कि इस बार चार धाम यात्रा में इतने अधिक तीर्थ यात्री आएंगे। तीर्थयात्रियों की तादाद कपाट खुलने के शुरू में तो कम रही परंतु एक पखवाड़ा बीतने के बाद तीर्थ यात्रियों का चार धाम की ओर मुखातिब होना एकदम बढ़ गया। सरकार तथा स्थानीय लोगों के तीर्थ यात्रियों के ठहरने खाने-पीने के सभी इंतजाम बौने पड़ गए और शुरू में अव्यवस्था सी फैल गई।

वरिष्ठ पत्रकार अविकल थपलियाल बताते हैं कि उन्होंने अपने जीवन में इतनी अधिक भीड़ उत्तराखंड के चार धामों में पहले कभी नहीं देखी। राज्य सरकार को भी उम्मीद नहीं थी कि इस बार चार धाम की यात्रा में इतने अधिक लोग आएंगे। चार धाम यात्रा के शुरुआती दौर में केदारनाथ धाम के दर्शन करने गए तीर्थयात्रियों का कहना है कि केदारनाथ मंदिर का परिसर बहुत बड़ा कर दिया गया है और दर्शन करने में उन लोगों को कोई परेशानी नहीं हुई।

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