यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद बदली वैश्विक भूराजनीतिक परिस्थिति में चीनी विदेश मंत्री की भारत यात्रा का खास महत्व है। मार्च 2020 के बाद दोनों देशों के किसी नेता की एक दूसरे देश की यह पहली यात्रा होगी। चीन रूस-इंडिया चायना (RIC) और ब्रिक्स का वर्तमान में अध्यक्ष है।
लद्दाख गतिरोध का हल निकालने के लिए दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच अब तक 15 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी भी ठोस हल नहीं निकाला है। हालांकि तनाव वाले कुछ इलाकों से दोनों देशों के सेना हटा ली गई है, लेकिन अब भी 50-50 हजार से ज्यादा जवान वहां तैनात हैं।
जम्मू-कश्मीर पर चीनी विदेशमंत्री का बयान पूरी तरह से अनावश्यक: भारत
भारत ने जम्मू-कश्मीर को लेकर चीन के विदेशमंत्री वांग यी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तान में हुई इस्लामिक सहयोग संगठन की बैठक में दिए यांग के बयान को खारिज करते हुए अनावश्यक करार दिया। विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता अरिंदम बागची ने जोर देकर कहा कि केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से जुड़ा मुद्दा पूरी तरह से देश का आंतरिक मामला है। चीन समेत अन्य देशों को इस पर बयान देकर दखल देने का कोई अधिकार नहीं है।उन्होंने कहा कि उन्हें इस पर ध्यान देना चाहिए कि भारत अपने अंदरूनी मामलों पर सार्वजनिक निर्णयों से परहेज करता है। भारत का यह बयान चीनी विदेशमंत्री यी के शुक्रवार को भारत दौरे से पहले आया है। यी ने पाकिस्तान में ओआईसी की बैठक में कहा था कि हमने कश्मीर के मुद्दे पर अपने इस्लामिक दोस्तों की पुकार को फिर से सुना। चीन भी वैसी ही इच्छा रखता है।