थाना ट्रांजिटकैंप में हुए रोहित हत्याकांड के हत्यारे दोस्त को जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने जिरह सुनने के बाद हत्यारे को उम्र कैद की सजा और दस हजार का अर्थदंड देने का निर्णय लिया। बताया कि एडीजीसी ने अदालत के सामने 12 गवाह पेश कर हत्यारे दोस्त का अपराध सिद्ध किया।
एडीजीसी लक्ष्मी नारायण पटवा ने बताया कि ग्राम रतनपुरी जिला मुजफ्फरनगर निवासी सोनू सोम ने थाना कैंप में एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें बताया था कि उसका भाई रोहित कुमार सिडकुल स्थित एक इंटरप्राइजेज इंडोरेस कंपनी में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत था। वहीं, अपने दोस्त सत्येंद्र सिंह निवासी निवासी लंबाखेड़ा थाना टॉडा बादली जिला रामपुर के साथ ट्रॉजिटकैंप में ही रहता था। 27 दिसंबर 2018 की शाम को दोनों ज्येष्ठा कालोनी स्थित अपने दोस्त के बेटे के जन्मदिन की पार्टी में गए थे। वापस लौटते वक्त जरा सी बात को लेकर रोहित व सत्येंद्र के बीच झगड़ा हो गया। जिसके चलते सत्येंद्र ने रोहित की पत्थरों से कुचलकर उसकी निर्मम हत्या कर दी। तहरीर देने के अगले दिन ही पुलिस ने सत्येंद्र को गिरफ्तार कर लिया। साथ पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त पत्थर, खून से सने कपडे बरामद कर डीएनए जांच कर हत्याकांड का खुलासा किया था।
सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रेम सिंह खिमाल की अदालत में हुई। एडीजीसी पटवा ने अदालत में जिला शासकीय अधिवक्ता नंदन सिंह धामी द्वारा 12 गवाह पेश कर आरोप सिद्ध कर दिया।