बद्रीनाथ धाम के रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी पहुंचे डिम्मर गांव

 उत्तराखंड के बद्रीनाथ धाम यात्रा के समापन के पश्चात मंगलवार को बद्रीनाथ धाम के रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी लक्ष्मीनारायण भगवान के दर्शन को डिमरियों के मूल गांव डिम्मर पहुंचे, जहां बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के सदस्य आशुतोष डिमरी ने रावल जी की अगवानी की।

उल्लेखनीय है कि बद्रीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को बंद हो गए। उसके पश्चात 20 नवंबर को उद्धव जी एवं कुबेर जी, रावल जी सहित आदिगुरु शंकराचार्य जी की गद्दी योग बद्री पांडुकेश्वर पहुंची। उद्धव जी, कुबेर जी शीतकाल में योग बद्री पांडुकेश्वर में प्रवास करते है। जबकि आदिगुरु शंकराचार्य जी की गद्दी नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचती है छ: माह नृसिंह मंदिर में शीतकाल में पूजा-अर्चना होती है। 21 नवंबर सोमवार को रावल जी सहित आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी नृसिंह मंदिर जोशीमठ में प्रतिष्ठित हो गई थी। इसके साथ ही बद्रीनाथ धाम यात्रा का औपचारिक समापन भी हो गया।

मंगलवार को बद्रीनाथ धाम के रावल जी के साथ धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविन्द्र भट्ट, नायब रावल अमरनाथ नंबूदरी, मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ भी डिम्मर गांव पहुंचे। देवचौंरी में आयोजित स्वागत समारोह में डिम्मर ग्राम पंचायत तथा महिला मंगल दल ने रावल जी सहित धर्माधिकारी, वेदपाठी और आगंतुक अतिथियों का स्वागत किया। फूल मालाओं तथा शाल ओढ़ाकर माल्यार्पण किया गया। इस अवसर पर रावल जी एवं धर्माधिकारी ने आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित पवित्र जलकुंड के भी दर्शन किए। चंडीमाता मंदिर तथा आदिकालीन ऐतिहासिक खडग के भी दर्शन किए। स्वागत समारोह में डिम्मर गांव के निवासी तथा मंदिर समिति के सदस्य/दैनिक जनआगाज के संपादक आशुतोष डिमरी ने डिम्मर गांव के डिमरी पुजारियों के भगवान बद्रीविशाल की अनवरत सेवा तथा योगदान की चर्चा की। साथ ही डिम्मर गांव के धार्मिक-ऐतिहासिक महत्व पर भी प्रकाश डाला। रावल ने स्वागत समारोह को संबोधित करते हुए कि कहा कि बद्रीनाथ यात्रा का सफल समापन हुआ है। भगवान की कृपा आशीर्वाद सब पर बनी रहे।

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