भाजपा की सबसे कमजोर कड़ी को सहेजने में जुटे नड्डा

चुनावी मैदान में जीत हासिल करने के लिए भाजपा सबसे निचले स्तर पर मजबूत तैयारी करने की रणनीति अपनाती रही है। उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान भी पार्टी ने बूथ प्रमुख, पन्ना प्रमुख और शक्ति केंद्र प्रमुख बनाकर जीत का रास्ता तय किया था। उसी रणनीति को एक नए अंदाज में अपनाते हुए पार्टी अब देश के उन सभी बूथों पर स्वयं को मजबूत करने की तैयारी करने जा रही है, जिन पर उसे लोकसभा या विधानसभा चुनाव में हार मिली थी। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बुधवार को पार्टी मुख्यालय में एक कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे, जिसमें इन सभी चुनावी बूथों पर पार्टी को मजबूत करने का काम शुरू किया जाएगा।

भाजपा नेता के मुताबिक, 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को 303 सीटों के साथ शानदार सफलता मिली थी। लेकिन इसके बावजूद पार्टी को लगभग 28000 ऐसे बूथों पर हार का सामना करना पड़ा था, जिन पर पार्टी को जीत मिल सकती थी। इसी प्रकार अलग-अलग विधानसभा चुनावों में भी लगभग 75,000 बूथों पर मामूली अंतर से पार्टी को हार का स्वाद चखना पड़ा था। पार्टी इन बूथों पर अपने कार्यकर्ताओं को मजबूत कर और जनता से बेहतर संपर्क स्थापित कर जीत सुनिश्चित करना चाहती है। पार्टी अध्यक्ष बुधवार को इसी अभियान की शुरुआत करेंगे। इस कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष के अलावा अन्य शीर्ष नेता, संगठन मंत्री बीएल संतोष, सचिव और प्रवक्ता स्तर के सभी पदाधिकारी शामिल होंगे। साथ ही कार्यक्रम में उन जिला अध्यक्षों को भी जोड़ा जाएगा, जिनके क्षेत्रों में पार्टी को ज्यादा सुधार की आवश्यकता है। पार्टी की चुनावी तैयारियों को धार देने के लिए जिम्मेदार राज्यों के संगठन मंत्री और चुनाव पर्यवेक्षक भी कार्यक्रम में शामिल होंगे।

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