उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार, गलत भर्तियों और अनियमितताओं की विजिलेंस जांच होगी। बुधवार को शासन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए। इससे पहले शासन ने अपर सचिव कार्मिक की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच समिति बनाई थी जो जांच कर रही है।
आयुर्वेद विवि पिछले कई सालों से वित्तीय अनियमितताओं, भ्रष्टाचार, नियुक्तियों में गड़बड़ियों के लिए चर्चाओं में है। पिछले साल अगस्त में अपर सचिव राजेंद्र सिंह ने विवि के कुलसचिव से बिंदुवार सभी आरोपों की जांच रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद अप्रैल में अपर सचिव राजेंद्र सिंह ने अपर सचिव कार्मिक एसएस वल्दिया की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच समिति गठित की थी।
जांच समिति में अपर सचिव वित्त अमिता जोशी, संयुक्त निदेशक आयुर्वेदिक एवं यूनानी कृष्ण सिंह नपलच्याल और ऑडिट अधिकारी रजत मेहरा भी सदस्य थे। यह जांच समिति अपनी जांच कर रही है। इस बीच बुधवार को शासन ने आयुर्वेद विवि के सभी मामलों की विजिलेंस जांच के आदेश जारी कर दिए। सचिव कार्मिक शैलेश बगोली ने विजिलेंस जांच आदेश जारी होने की पुष्टि की।