केदारनाथ यात्रा में हेली कंपनियां पुराने दोयम दर्ज के हेलीकॉप्टरों का प्रयोग कर रही हैं। यह दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। पहले भी यात्राकाल में टेकऑफ व लैंडिंग के दौरान हेलीकॉप्टर में खराबी की घटनाएं हो चुकी हैं। लेकिन, शासन इस बारे में सुध नहीं ले रहा है। इस संबंध में बदरीनाथ-केदारनाथ यात्रा डॉटकॉम के संचालक एएनके श्रीनिवास ने दो वर्ष पूर्व हाईकोर्ट में इस संबंध में याचिका दायर की थी।
आज बुधवार सुबह छह से धाम में फिर हेली सेवा शुरू हो गई है। कल हादसे के बाद दिनभर हेली सेवा बंद कर दी गई थी। सूत्रों की मानें तो जितनी भी कंपनियों के हेलीकॉप्टर उड़ान भर रहे हैं, वे 12 से 15 वर्ष पुराने हैं। साथ ही उनके कई महत्वपूर्ण उपकरण भी जवाब दे रहे हैं, जो टेकऑफ या लैंडिंग के दौरान अक्सर खराब होते रहते हैं। दो वर्ष पूर्व तो केदारनाथ हेलीपैड पर खड़े हेलीकॉप्टर के स्टैंड तक टूटा हुआ पाया गया। बावजूद हेलीकॉप्टर ने इसी हालत में उड़ान भरी और यात्रियों को ले गया।
इसी कंपनी का हेलीकॉप्टर वर्ष 2017 में बदरीनाथ में क्रैश हो चुका था। केदारनाथ में भी वर्ष 2018 व 2019 में हेलीपैड पर दो हेलीकॉप्टर अलग-अलग तिथि पर टेकऑफ के दौरान क्रैश होते-होते बच गए थे। बावजूद यूकाडा व डीजीसीए आंख मूंदे हुए हैं। यात्री व्यवस्थाओं को लेकर बदरीनाथ-केदारनाथ यात्रा डॉटकॉम के संचालक एएनके श्रीनिवासन ने दो वर्ष पूर्व हाईकोर्ट नैनीताल में याचिका दायर की है।