प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत उत्तराखंड में सोमवार से घर-घर जाकर क्षय रोग से पीड़ित मरीजों का पता लगाकर उनका इलाज करने का काम शुरू किया गया।
उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि प्रथम चरण में राज्य के छह जिलों में मरीजों का पता लगाने का अभियान चलाया जा रहा है जिसके लिए सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि अभियान के अंतर्गत 20 दिसंबर तक एक माह के अंदर छह जिलों-अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनीताल, पिथौरागढ, ऊधमसिंहनगर तथा उत्तरकाशी में घर-घर जाकर क्षय रोग के मरीजों की पहचान की जायेगी तथा मरीजों का संबंधित क्षेत्र के अस्पतालों में उपचार किया जायेगा।
मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के आवाह्न पर पूरे देश में वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। रावत ने कहा कि टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत उत्तराखंड उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर नि-क्षय मित्र पंजीकरण में लगातार द्वितीय स्थान पर बना हुआ है। उन्होंने बताया कि केंद्र ने 2022 में उत्तराखंड को 28 हजार क्षय रोगी खोजने का लक्ष्य दिया है जिसके सापेक्ष माह अक्टूबर तक लक्ष्य की शतप्रतिशत प्राप्ति की गयी।